
स्मार्ट मोबाइल , यू ट्यूब , रील देखने की लत हम सबको बर्बाद कर देगी अगले पाँच सालों में , शायद ही कोई इन चीजों से टाइम पास करते हुए इस ज़हर के बारे में सोचता होगा , कभी सोचा है इससे आप सबलोग अपने परिवार घर बच्चे सबसे दूर होते जा रहे हैं ! एक दूसरे से बात करने का भी समय नहीं निकाल पा रहे हो , और कुछ वर्षों में मोटा चश्मा अंधे पन में भी बदल सकता है !

मोबाइल को किसी भी हाल में गैप देकर दो चार घंटे से अधिक न देखें अन्यथा आँखों की ही नहीं अन्य मुसीबतें भी कमजोर होते शरीर को खायेंगी !
10 घंटे का मोबाइल स्क्रीन टाइम खासकर वृद्ध लोगों (senior citizens) के लिए कई तरह के शारीरिक, मानसिक और सामाजिक नुकसान पहुँचा सकता है। नीचे इन्हें सरल भाषा में और बिंदुवार समझाया गया है:
- आँखों पर असर (Eye Strain & Damage)
• डिजिटल आई स्ट्रेन: लगातार स्क्रीन देखने से आँखों में जलन, सूखापन, धुंधलापन
• ब्लू लाइट का नुकसान: रेटिना को नुकसान, नींद के हार्मोन मेलाटोनिन में कमी
• उम्रदराज़ आँखें पहले से ही संवेदनशील होती हैं, इसीलिए असर ज़्यादा होता है - नींद में गड़बड़ी (Sleep Disorders)
• मोबाइल की रोशनी और लगातार मानसिक सक्रियता से नींद की गुणवत्ता ख़राब हो जाती है
• वृद्ध लोगों को वैसे भी गहरी नींद कम आती है, स्क्रीन टाइम इसे और ख़राब करता है
• इससे शरीर की मरम्मत प्रक्रिया, मानसिक ताज़गी और स्मृति प्रभावित होती है - मानसिक थकान और तनाव (Mental Fatigue & Stress)
• लगातार सूचना और वीडियो देखने से मस्तिष्क थक जाता है
• तनाव, चिड़चिड़ापन और एकाग्रता की कमी होती है
• डिजिटल डिप्रेशन: सोशल मीडिया और समाचारों के कारण मन पर नकारात्मक असर - चलने-फिरने की कमी (Physical Inactivity)
• 10 घंटे स्क्रीन पर रहने का मतलब है बहुत कम चलना-फिरना
• इससे मांसपेशियाँ कमज़ोर, घुटनों में दर्द, और हड्डियाँ नाजुक हो सकती हैं
• डायबिटीज, ब्लड प्रेशर और हृदय रोगों का खतरा भी बढ़ता है - गर्दन, पीठ और हाथों की समस्याएँ (Tech Neck, Back & Wrist Pain)
• मोबाइल नीचे झुककर देखने से गर्दन और रीढ़ पर दबाव
• लंबी अवधि में सर्वाइकल स्पॉन्डिलोसिस जैसी समस्याएं हो सकती हैं
• अंगूठों और कलाई में दर्द - सामाजिक दूरी और अकेलापन (Social Isolation)
• परिवार और समाज से जुड़ाव कम हो जाता है
• मोबाइल पर समय बिताने से संवाद घटता है, जिससे अकेलापन और अवसाद बढ़ सकता है - स्मृति और मानसिक क्षमताओं में गिरावट (Memory & Cognitive Decline)
• लगातार मोबाइल पर रहने से मस्तिष्क आराम नहीं कर पाता
• वृद्ध लोगों की याददाश्त कमजोर हो सकती है
• ध्यान की कमी और निर्णय लेने की क्षमता में गिरावट
10 घंटे का स्क्रीन टाइम एक अदृश्य जहर की तरह है — धीरे-धीरे शरीर और मन को कमजोर करता है, खासकर उम्रदराज़ लोगों में।
समझदारी है कि दिनभर में स्क्रीन टाइम को 2–3 घंटे तक सीमित करें, और बाकी समय में चलना, किताब पढ़ना, संगीत सुनना या परिवार से बात करना बेहतर है।