
देहरादून। उत्तराखंड महिला मंच ने महिलाओं पहलवानों को न्याय दिलवाने की मांग की है। मंच ने इसके लिए एडीएम के माध्यम से राष्ट्रपति को ज्ञापन भेजा है। ज्ञापन में कहा गया कि राष्ट्र का गौरव बढ़ाने वाले पहलवान इस बार जंतर-मंतर पर धरना दे रही हैं। महिला पहलवानों का आरोप है, उनके साथ यौन उत्पीड़न हुआ है, लेकिन उत्पीड़न के आरोपी के खिलाफ अभी तक कार्रवाई नहीं हुई, मजबूरन महिला पहलवानों को सड़क पर उतरना पड़ रहा है। कहा कि छह बार सांसद रह चुके आरोपी पर पहले भी कई आपराधिक मामले चले रहे हैं, बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ का नारा देने वालों ने इस मामले में मौन साध रखा है।
यौन उत्पीड़न के मामले में पुलिस को तत्काल रिपोर्ट दर्ज करनी चाहिए, लेकिन इस मामले में सर्वोच्च न्यायालय को दिल्ली पुलिस को निर्देश देना पड़ा, तब जाकर एफआईआर दर्ज की गई। मंच ने जल्द से जल्द आरोपी की गिरफ्तारी करने की मांग की है। इसके साथ ही पहलवानों के खिलाफ दायर एफआईआर को तत्काल रद करने की भी मांग की है। ज्ञापन में मंच की निर्मला बिष्ट, हेमलता नेगी, सरला पुरोहित, कमलेश्वरी बड़ोला, शांति सेमवाल, शांता नेगी, रुकमणि चौहान, बीना डंगवाल, किरन पुरोहित, सुनीता सेमवाल, विजय नैथानी, प्रभात डंडरियाल, अमित सिंह, विनीता डबराल, क्रांति रावत, रामेश्वरी देवी, आनंदी रावत, गंगोत्री सती, सुमति रावत, रुकमणि चौहान, पंचमी रावत, लक्ष्मी देवी, सरोज चौहान आदि के हस्ताक्षर हैं।