
न्यूज- कोरियन एंटोनी
तिरुपति बालाजी मंदिर के प्रसाद में इस्तेमाल होने वाले घी का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। मंदिर का प्रसाद बनाने में इस्तेमाल होने वाला घी भगवानपुर स्थित भोले बाबा ऑर्गेनिक डेयरी मिल्क फैक्टरी से आपूर्ति होता था, ऐसे में इस फैक्टरी पर भी कई सवाल उठ रहे हैं। फैक्टरी की गतिविधियां भी संदिग्ध मानी जा रही हैं।
पिछले दस साल से लगातार चल रही फैक्टरी एक माह पहले अचानक बंद हो गई। फैक्टरी के लाइसेंस का नवीनीकरण अगस्त में होना था, लेकिन मालिक ने 4 अक्तूबर 2024 को नवीनीकरण कराया।हरिद्वार जिले में दो ही बड़ी फैक्टरियों को घी बनाने का केंद्रीय लाइसेंस दिया गया है। इसमें एक पतंजलि है और दूसरी भोले बाबा आर्गेनिक डेयरी मिल्क फैक्टरी।
दो अगस्त 2014 को इस कंपनी को घी बनाने के लिए केंद्रीय लाइसेंस दिया गया था। 2014 से यह फैक्टरी अब तक घी बना रही है। लेकिन तिरुपति बालाजी मंदिर के प्रसाद में इस्तेमाल होने वाले घी का मामला सामने आते ही फैक्टरी एक माह पहले बंद हो जाती है और चार अक्तूबर को कंपनी के मालिक इस फैक्टरी के लाइसेंस को दोबारा रिन्यू करा लेते हैं।
राज्यस्तरीय टीम नहीं कर सकती जांच
विभागीय जानकारी के मुताबिक फैक्टरी के पास केंद्रीय लाइसेंस है। ऐसे में राज्यस्तरीय टीम या जिलास्तरीय टीम को यहां जांच करने से पहले एफएसएसएआई की अनुमति लेनी पड़ती है। जिले की टीम ने कुछ समय पहले ही इस मामले की अनुमति केंद्रीय टीम से मांगी थी। अनुमति तो मिल गई, लेकिन राज्यस्तरीय टीम को फैक्टरी में खाली रैपर के अलावा कुछ भी नहीं मिला। ऐसे में अगले ही दिन यानी सोमवार को केंद्रीय टीम यहां जांच के लिए पहुंच गई।